बुधवार, 1 जून 2011

रसोई घर

यह शास्त्र सम्मत तो है ही मगर मेरा स्व अनुभव है कि हर घर में किचन आग्नेय कोण में ही होना चाहिए |

चूल्हा आग्नेय में, प्लेटफॉर्म पूर्व व दक्षिण को घेरता हुआ होना चाहिए | वॉश बेसिन उत्तर में हो | भोजन बनाते समय मुख पूर्व की ओर हो, उत्तर व दक्षिण में कतई नहीं |

उत्तर को घेरता हुआ प्लेटफॉर्म बनाना या उत्तर में गैस का चूल्हा रखना घर को महत्वपूर्ण बनाता है | ऐसे घर में काम कभी समाप्त ही नहीं होते, भोजन की बरकत समाप्त हो जाती है | गृहस्वामिनी को मानसिक क्लेश हमेशा बना रहता है | पश्चिम में बना प्लेटफॉर्म घर में अशां‍ति देता है, भोजन का रस-तत्व निष्फल करता है और स्वास्थ्य हानि करता है | दोनों ही स्थितियों में घर का व्यय क्रमश: बढ़ता ही जाता है और घर की शांति भंग होती जाती है |

इस संबंध में एक और तथ्य अनुभव में आया है कि छोटे-मोटे उपाय करने के बाद भी कोई विशेष सुधार होता प्रतीत नहीं होता | शरीर स्वास्थ्य व मन की शांति का सीधा संबंध भोजन से है अत: यदि रसोईघर सही दिशा में नहीं है तो वह घर आपको कभी सुख समृद्धि नहीं दे सकता |

उपाय : रसोई घर की दिशा बदलना ही एकमात्र उपाय होता है | सावधानी के लिए आग्नेय में भोजन बनाकर बाद में उसे अन्य स्थान पर रखने से भी दोष नहीं लगता।